जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा
शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता है. शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता ह...
फिर से जैसे जिंदगी की ओर मुड़ने लगी हूं। फिर से जैसे जिंदगी की ओर मुड़ने लगी हूं।
मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है। मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है।
कभी मुश्किल कभी आसान दिखती है,ज़िन्दगी हर दुकान बिकती है।अजीब-सी खनक है इन सिक्कों में,खरीदो तो पहचान... कभी मुश्किल कभी आसान दिखती है,ज़िन्दगी हर दुकान बिकती है।अजीब-सी खनक है इन सिक्को...
उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे? उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे?